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सिंगरौली जिले के खुटार ग्राम पंचायत में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला उठा सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर फर्जी बिलों के भुगतान के गंभीर आरोप..

सिंगरौली जिले के खुटार ग्राम पंचायत में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला उठा सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर फर्जी बिलों के भुगतान के गंभीर आरोप..

प्रेस विज्ञाप्ति
प्रतिनिधि सिंगरौली
मध्यप्रदेश

सिंगरौली जिले के खुटार ग्राम पंचायत में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला उठा सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर फर्जी बिलों के भुगतान के गंभीर आरोप..

प्रदेश टुडे संवाददाता सिंगरौली जिले में भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत खुटार का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है, जहां पंचायत सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर करोड़ों रुपये के फर्जी बिलों का भुगतान करने के गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय ग्रामीणों और दुकानदारों का कहना है कि सचिव ने कई फर्जी वाउचर और बिल लगाकर शासन के धन का दुरुपयोग किया है। मामले को लेकर ग्रामीणों ने देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम और जिला प्रशासन को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है।

फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों का घोटाला…

ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा ने ग्राम पंचायत खुटार में स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी कैमरा, आरओ प्लांट, शॉप निर्माण, शांति धाम, सरस्वती स्कूल के शौचालय निर्माण, छठ पूजा कार्यक्रम और स्वच्छता मिशन जैसे कार्यों में फर्जी बिलों का भुगतान किया है ए.के. इलेक्ट्रिकल्स और रोशन इंटरप्राइजेज जैसी फर्मों के नाम से लाखों रुपये के फर्जी वाउचर बनाए गए। इसके अलावा, इन बिलों का जीएसटी इनवॉइस भी संदिग्ध बताया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सचिव ने कई दुकानदारों से उधार सामान लिया और अब तक उसका भुगतान नहीं किया। जब दुकानदारों ने बकाया राशि मांगी, तो सचिव ने उन्हें धमकाने और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी। इससे स्थानीय ग्रामीणों और दुकानदारों में गहरी नाराजगी है।

देवसर विधायक और जिला प्रशासन को आवेदन देने के बाद भी नहीं हुई उचित कार्यवाही..?

ग्रामवासियों ने इस पूरे मामले को लेकर देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम को आवेदन दिया है। उन्होंने विधायक से मांग की कि इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ ने जांच टीम गठित की थी, लेकिन आज तक जांच पूरी नहीं हो पाई और न ही किसी प्रकार की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है जिससे कि जनता में काफी आक्रोश है कि अब किस पर विश्वास किया जाए और किसको आवेदन दिया जाए जब जिम्मेदार ही जांच को लेकर टाल मटोल कर मामले को रफा दफा करने में जुड़ गए हैं..

सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा के ऊपर राजनीतिक संरक्षण का आरोप..

सूत्रों के अनुसार, सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा का भोपाल तक राजनीतिक पार्टी को फंड देने का आरोप लग रहा है जिसके चलते उन पर कार्रवाई करने से प्रशासन और जनप्रतिनिधि कतरा रहे हैं। यह भी चर्चा है कि सचिव को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।

ग्रामीणों की मांग जांच और कार्रवाई हो करवाई भ्रष्ट सचिव के ऊपर..

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सभी फर्जी बिलों और जीएसटी इनवॉइस की गहन जांच कराई जाए। साथ ही, सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे और शासन-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे क्योंकि आवेदन देने के बाद भी जिम्मेदार नहीं किया अभी तक किसी भी प्रकार का करवाई और ना ही जांच का खुलासा..
यह मामला सिंगरौली जिले में सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है। इस प्रकरण ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

इन सभी मामलों को लेकर जिला पंचायत सीईओ गजेंद्र सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक इसमें किसी भी प्रकार की जांच नहीं हुई है मैं अभी मीटिंग में बैठा हूं ….

इन सभी मामलों को लेकर संगठन ने भी हूंकार भरना शुरू कर दिया है संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि अब ऐसा लगता है कि यहां शासन प्रशासन फंड के कठपुतली बन गए हैं ऐसे भ्रष्ट सचिन जितेंद्र विश्वकर्मा पर कार्यवाही करने में न जाने क्यों कतरा रहे हैं जहां एक और भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती है वहीं अगर दूसरी ओर बात करें तो देवसर विधायक के पास आवेदन देने के बाद भी अगर भ्रष्ट सचिव जितेंद्र विश्वकर्मा पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है और जांच पूर्ण तरह पारदर्शिता नहीं हुई तो यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है जिससे साफ तौर से पता चलता है कि ऊपर से लेकर नीचे तक सब मिले हुए हैं और एक सचिव को बचाने के लिए एक कलमकार के बातों को झूठ लाया जा रहा है और यह जनता भली भांति जानती है कि सिंगरौली जिले में सिर्फ पैसों का ही बोलबाला चल रहा है जिसके चलते पारदर्शिता कार्यवाही नहीं हो पा रही है जबकि कार्य में अनियमिता पाए जाने के बावजूद जांच बैठी और जांच कहां तक पहुंची इसका भी कोई जानकारी नहीं है यही नहीं इस सचिन के द्वारा तो कई दुकानों से उधर सामान भी लिया गया है और पैसा भी नहीं दिया गया जिसको लेकर दुकानदारों ने बाकायदा शासन प्रशासन को भी आवेदन देकर अवगत कराया गया लेकिन इन आवेदनों को कूड़ेदान में फेंक कर अधिकारी अपने ही कार्य में मस्त रहते हैं उन आवेदनों को पढ़ना देखना और उसके ऊपर विचार करने का इनके पास कोई समय ही नहीं है जबकि 1 और ₹2 की बात नहीं यह तो 20000 से लेकर 25000 का मामला है और वह भी दुकान से इतनी बड़ी रकम लेने के बाद अगर सचिन जितेन विश्वकर्मा नहीं दे रहा है तो कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण और शासन प्रशासन के ओर से निष्कृता ने इसके मनोबल को बढ़ाया है लेकिन संगठन इन सभी को लेकर ज्ञापन देने का कार्य करेगी अगर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं किया तो और यह कार्यवाही प्रदर्शिता हो और जनता के समक्ष आनी चाहिए सच्चाई क्या है।

वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज नागपुर
सम्पादक
दिल्ली क्राईम प्रेस, नागपुर
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